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कप्तान रोहित को जिस पर नहीं था भरोसा, उसी ने भारतीय टीम को दिलाई जीत, जानिए

भारत की सबसे बड़ी घरेलू लीग रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला खेला जा चुका है। जहां सौराष्ट्र की टीम ने एक बार फिर से ट्रॉफी को अपने नाम किया है।

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वहीं पहली बार साल 2019 में रणजी ट्रॉफी जीतने वाली सौराष्ट्र की टीम इस बार भी फाइनल में बंगाल को मात देते हुए घरेलू क्रिकेट का यह सबसे बड़ा खिताब जीतने में कामयाब रही है। बता दें कि सौराष्ट्र की टीम ने फाइनल में बंगाल को 9 विकेट से करारी शिकस्त दी है

सौराष्ट्र की टीम ने जीती रणजी ट्रॉफी

जयदेव की कप्तानी वाली सौराष्ट 3 सालों में दूसरी बार ट्रॉफी जीतने में कामयाब हुई है। इस फाइनल मैच में बंगाल की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 174 रन बनाए थे, जिसके जवाब मैं सौराष्ट्र की टीम ने पहली पारी में 404 रनों का बड़ा स्कोर बनाया। इसके बाद दूसरी पारी में बंगाल की टीम एक भारी-भरकम भीड़ के दबाव में थी

यही दबाव की वजह से वह हार गई बंगाल की टीम ने दूसरी पारी में भी सिर्फ 241 रन बनाए। जिससे सौराष्ट्र को यह मैच जीतने के लिए सिर्फ 14 रन ही बनाने थे। इसे टीम ने 1 विकेट के नुकसान पर आसानी से बना लिया और इस खिताब को अपने नाम किया।

जयदेव को मिला प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब

फाइनल मुकाबले से पहले सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज का हिस्सा थे, लेकिन उन्होंने रणजी के फाइनल खेलने का फैसला किया और टीम मैनेजमेंट ने रिलीज किया। जयदेव का यह फैसला टीम के लिए बिल्कुल सही साबित हुआ।

उन्होंने एक बार फिर से सौराष्ट्र की टीम को विजेता बनाने में बड़ी भूमिका निभाई और मुकाबले में एक के बाद एक नौ विकेट लिए जयदेव को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से भी नवाजा गया।

इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया नाम

बता दें कि 2 बार रणजी ट्रॉफी के साथ-साथ जहरीले कप्तान के रूप में सौराष्ट्र को विजय हजारे ट्रॉफी भी जिताने का काम कर चुके हैं। उन्होंने अपनी कप्तानी में दूसरी बार रणजी चैंपियन बनने वाले जयदेव का नाम अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है।

उन्होंने सौराष्ट्र के लिए ऐसा कारनामा किया है जो अपने आप में ही एक बड़ी बात है। हालाकिं ये उन्हें टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैचों में जगह मिलेगी या नहीं इस पर फैसला आना अभी बाकी है।