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एक ऐसी परम्परा जिसमें एक ही लड़की से होती है सभी भाइयों की शादी, टोपी से बांटते है अपना समय

देश के अलग-अलग राज्यों में शादी को लेकर अलग ही परंपरा होती है. आज हम आपको बता रहे हैं एक राज्य में ऐसी परंपरा है जिसमें चार से पांच भाइयों की शादी एक ही लड़की से होती है. शादी के बाद धुले अपना समय ऐसे निश्चित करते हैं आइए हम आपको बताते हैं.
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बहुपति विवाह का चलन बेहद पुराना है. भारत में हिमाचल और अरुणाचल प्रदेश में बहुपति विवाह की खबरें अकसर आती रहती हैं. दावा किया जाता है कि अब इन जगहों पर बहुपति विवाह खत्म हो चुका है. या है भी तो लोग इसे छिपा कर रखते हैं और इसकी चर्चा भी नहीं करते.

तिब्बत एक ऐसा देश है जहां बहुपति विवाह का चलन लंबे समय से चला आ रहा है. छोटे से देश में आजीविका के साधन कम हैं. चीन हमेशा यहां के नागरिकों को परेशान भी करता रहता है. यही कारण बताया जाता है कि तिब्बत के परिवार से कोई न कोई एक सदस्य बौद्ध भिक्षु बन जाता है.

तिब्बत में बहुपति विवाह को लेकर कई बार खबरें सामने आ चुकी हैं. यहां कई भाइयों की एक ही लड़की से शादी करा दी जाती है. शादी के वक्त बड़ा भाई सारी रस्में पूरी करता है. जब दुल्हन घर आती है तो वह सभी भाइयों की पत्नी कहलाती है.

गौर करने वाली बात यह है कि इस शादी के बाद यह नहीं पता चल पाता है कि पत्नी किस भाई के बच्चे को जन्म देने वाली है या दे चुकी है.

इसलिए सभी भाई अपनी पत्नी से हुए बच्चे को अपनी संतान मानते हैं. बच्चे की परवरिश में सभी भाइयों का योगदान होता है. अब यह सवाल उठता है कि शादी के बाद यह कैसे तय होता है कि पत्नी के साथ कमरे में कौन सा भाई रहेगा.

तो इसके लिए भी नियम बनाए गए हैं. शादी के बाद बड़ा भाई कुछ दिनों तक पत्नी के साथ रहता है फिर टोपी तय करती है कि पत्नी के साथ कमरे में कौन रहेगा. जो भी पत्नी के साथ वक्त बिताता है वह अपनी टोपी दरवाजे पर टांग देता है.

टोपी जबतक हटती नहीं है, दूसरा भाई कमरे में नहीं जाता. लेकिन अब तिब्बत में भी बहुपति विवाह कम ही सुनने को मिलता है. यहां लोग अगर बहुपति विवाह करते भी हैं तो इसे छिपाकर रखते हैं और चर्चा नहीं करते.